Saturday, 7 September 2013

जब टूटने लगे हौसले तो बस याद ये रख लेना ,िबना मेहनत के हािसल तखतो ताजनही होते .ढूँढ लेना अंधेरो मे मंिजल अपनी ,जुगनू िकसी की रौशनी के मोहताजनही होते

जब टूटने लगे हौसले तो बस याद ये रख लेना ,िबना मेहनत के हािसल तखतो ताजनही होते .ढूँढ लेना अंधेरो मे मंिजल अपनी ,जुगनू िकसी की रौशनी के मोहताजनही होते यहाँ हजारो शायर है जो तख़त बदलने िनकले है ,कुछ मेरे जैसे पागल है जो वक़त बदलने िनकले है।

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